अच्छा हुआ परी बेटा तुमने मेरी आँखें समय रहते ही खोल दी हैं । अच्छा हुआ परी बेटा तुमने मेरी आँखें समय रहते ही खोल दी हैं ।
क्योंकि नहीं रहेगी तो आप किसी भी व्यक्ति को कुछ क्रोध से कह नहीं सकते हैं। क्योंकि नहीं रहेगी तो आप किसी भी व्यक्ति को कुछ क्रोध से कह नहीं सकते हैं।
वह सोच रही थी कि मैंने अपनी ज़िंदगी में ऐसा कभी नहीं सोचा था। वह सोच रही थी कि मैंने अपनी ज़िंदगी में ऐसा कभी नहीं सोचा था।
रूठी हुई खुशियां होली के बहाने फिर से दस्तक दे उठी। रूठी हुई खुशियां होली के बहाने फिर से दस्तक दे उठी।
दोनों कभी एक दूसरे को तो कभी माँ को देखते हैं और जिया आशी को गले लगा लेते हैं। दोनों कभी एक दूसरे को तो कभी माँ को देखते हैं और जिया आशी को गले लगा लेते हैं।